Ram Madhav
October 16, 2017

घर में जबरदस्ती घुसने वालों का कोई स्वागत नहीं करताः रोहिंग्या पर राम माधव – News18

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https://hindi.news18.com/news/nation/ram-madhavs-exclusive-talk-with-news-18-1126615.html

 

बीजेपी महासचिव राम माधव ने न्यूज18 इंडिया से खास बातचीत की. इस बातचीत में उन्होंने जम्मू-कश्मीर के हालात से लेकर रोहिंग्या मुसलमानों से जुड़े मुद्दों पर अपनी राय रखी. पढ़ें पूरा इंटरव्यू..

सवाल: सभी स्टेक होल्डर्स के साथ बातचीत का फार्मुला दिया था आपने?
जवाब: कश्मीर में जब से बीजेपी-पीडीपी की सरकार आयी है, उनके साझा न्यूनतम कार्यक्रम में था कि सभी स्टेक होल्डर्स से बात होनी है. अगर स्टेक होल्डर्स को लगता है कि वो सिस्टम के हिस्सा हैं तो वो आगे आएं और बात करें.

सवाल: क्या हुर्रियत भी स्टेक होल्डर के तौर पर आगे आ सकती है?

जवाब: अगर हुर्रियत बातचीत के लिए आगे आती है तो संबंधित लोग फैसला करेंगे. वैसे सभी नागरिकों के लिए बातचीत के दरवाजे हमेशा खुले हैं. अगर बातचीत से ज्यादा कोई मुद्दा है तो प्रस्ताव लाएं और तब संबंधित लोग फैसला करेंगे बातचीत के संबंध में.

सवाल: एनआईए और ईडी की पूछताछ और बढ़ते दबाव के बाद क्या हुर्रियत आगे आए तो बातचीत होगी?
जवाब: हम किसी को दबाव में डालकर बातचीत आगे नहीं बढ़ाते हैं. छापों को बातचीत से नहीं जोड़ा जाना चाहिए. हम अंडरग्राउंड आतंकियों और ओवरग्राउंड सपोर्ट को भी रोकने की कोशिश में लगे हैं. ऐसा आतंक वहां का समाज नहीं चाहता.

सवाल: पिछले दिनों सुरक्षाबलों पर हमले क्यों बढ़ गए?
जवाब: ये गलत खबर है. इसके उलट हमलों में भारी कमी आयी है. आतंकियों के खिलाफ अभियान में जबरदस्त सफलता मिली है. जल्दी ही घाटी में हम शांति लाने में सफल होंगे.

सवाल: बीजेपी के उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने महाराज हरि सिंह के जन्मदिन पर भी सार्वजनिक अवकाश की मांग की है. वो ऐसी छुट्टियों पर चर्चा चाहते हैं. क्या आलाकमान सहमत हैं?
जवाब: महाराजा हरि सिंह सिर्फ जम्मू-कश्मीर के ही नहीं, पूरे लद्दाख, पीओके के भी राजा थे. उन्हें पूर्ण सम्मान मिलना चाहिए. अवकाश पर एक आवाज उठी है. हमारी पार्टी सरकार में हैं. इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे, लेकिन हम यही कहेंगे कि इसे कोई मुद्दा बनाने की कोशिश न करें. शेख अब्दुल्ला के समय तो कांग्रेस और दूसरी सरकारें थीं. उस पर भी चर्चा हो सकती है.

सवाल: क्या अनुच्छेद 370 कश्मीर के लिए नुकसानदायक रहा है?
जवाब: 6 सालों तक हम पीडीपी के साथ सरकार चला रहे हैं. इसलिए सीएमपी के मुताबिक अनुच्छेद 370 पर स्टेटस कुओ (यथास्थिति) बनाकर रखा हुआ है. पूरा देश जानता है कि हमारी पार्टी का क्या रुख है इस अनुच्छेद पर, लेकिन ये राज्य का विषय नहीं बल्कि संसद का है.

सवाल: पिछले दिनों कांग्रेस का डेलिगेशन गया. यशवंत सिन्हा भी गए और कश्मीर पर बोल रहे हैं.
जवाब: कश्मीर में आजाद हिंद फौज बहुत चलता है. कोई रोक-टोक नहीं हैं. लोग पूरे उत्साह के साथ जाने के लिए आजाद हैं. कांग्रेस तो एक राजनीतिक दल है. उनका एक रुख समझ में आता है, लेकिन बाकी लोग तो सिर्फ स्टूडियो में और कुछ हेडलाइन बटोरने के लिए जाते हैं.

सवाल: कभी पीडीपी से मतभेद तो कभी दूसरी मुश्किल. क्या आपकी सरकार कार्यकाल पूरा करेगी?
जवाब: बीजेपी और पीडीपी अपना कार्यकाल पूरा करने लिए प्रतिबद्ध है. सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी.

सवाल: रोहिंग्या पर सरकार का क्या रुख है?
जवाब: कोई भी देश अपने यहां जबरन घुस आए घुसपैठियों का स्वागत नहीं करता और न ही खुला छोड़ता है. इस पर गृहमंत्रालय फैसला करेगा. हमें चिंता है 125 करोड़ लोगों की सुरक्षा और उनके मानवाधिकारों की.

सवाल: अर्थव्यवस्था को लेकर एक परसेप्शन बन रहा है कि कुछ गड़बड़ है. यशवंत सिन्हा ने सवाल उठाए हैं. इस पर क्या कहेंगे?
जवाब: पर्सेप्शन बनाने का प्रयास हो रहा है. हमने बदलाव की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं. थोड़ा बहुत तो दर्द होगा. ये नोटबंदी के समय भी हुआ था. हम उससे भी बाहर निकले थे. जीएसटी का स्वागत भी देश कर रहा है. समस्याओं का निदान निकाल रहे हैं. जीएसटी सिर्फ वित्त मंत्री का फैसला नहीं था. उस फैसले में 30 राज्यों के वित्त मंत्री भी शामिल थे. हमने सिस्टम में बदलाव लाने की कोशिश की है. भारत जल्दी ही दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में एक बनेगा.

सवाल: क्या आलाकमान जानता है कि ग्राउंड पर मुश्किल है?
जवाब: लेख लिखने वालों से ज्यादा फीड बैक हमारे पास है. इसलिए जो भी समस्याएं आ रहीं हैं, उसका निदान निकालने का प्रयास कर रहे हैं.

सवाल: राहुल गांधी क्या दिवाली के बाद अध्यक्ष बन जाएंगे?
जवाब: ये कांग्रेस का अंदरूनी मामला है. जो भी बने उसे हमारी शुभकामना. देश को एक मजबूत विपक्ष की जरूरत है. राहुल अगर विदेश जा रहे हैं, सेमिनार में भाग ले रहे हैं. हमारी पार्टी के लोग भी चाहते हैं कि वो पूरे देश का प्रवास करें. कोई डरने की बात नहीं हमारे लिए. हमने बहुत खतरे देखे हैं.

सवाल: केरल में लड़ाई किसके खिलाफ?
जवाब: केरल में लोकतंत्र के लिए और हिंसा तंत्र के खिलाफ लड़ाई है. बीजेपी पर अत्याचार बढ़े हैं वहां. बंगाल में भी वामपंथियों ने ममता का क्या हाल किया था. इसलिए केरल में लेफ्ट से मुक्ति के लिए आंदोलन छेड़ा है. वहां के मुख्यमंत्री की बयानबाजी को उल्टा चोर कोतवाल को डांटे वाला हाल है. सीएम खुद हत्यारों को आशीर्वाद दे रहे हैं.

सवाल: संघ के संगठनों में सरकार के खिलाफ नाराजगी है?
जवाब: संघ परिवार के सभी सदस्यों को अधिकार भी है और जिम्मेदारी भी कि वो समस्याओं को उठाएं. वो बताएं, हम और हमारी सरकार उन समस्याओं निदान करेगी.

सवाल: मिशन 2019 की तैयारी शुरू हो गयी है क्या?
जवाब: हम मिशन 2019 नहीं बल्कि मिशन 2022 की तैयारी में लगे हैं. ये मिशन है न्यू इंडिया बनाने का.

 

Published by Ram Madhav

Member, Board of Governors, India Foundation

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